भारत में मंकीपॉक्स का पहला केस केरल के कोल्लम में मिलने की पुष्टि हो गई है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि विदेश से लौटे एक व्यक्ति में लक्षण दिखने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसके सैंपल एकत्र कर टेस्टिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए थे. एक दिन पहले ही भारत सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर मंकीपॉक्स को लेकर आगाह किया था और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए थे.
केंद्र सरकार ने जारी किए दिशा-निर्देश
केंद्र सरकार ने दिशा-निर्देश में कहा है कि सभी संदिग्धों की निगरानी और उनकी टेस्टिंग की जानी चाहिए और बेहतर सर्विलांस की व्यवस्था होनी चाहिए. संक्रमित व संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन में रखना होगा. साथ ही मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होने वाले मरीज के लिए समय पर बेहतर इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए. इस बीमारी के लक्षण दिखने में 6 से 13 दिन लग जाते हैं. हालांकि यह वायरस स्मालपॉक्स की तरह गंभीर नहीं है लेकिन इसका अब तक कोई इलाज नहीं है.
अब तक 63 देशों में मंकीपॉक्स के मामले
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में अब तक 63 देशों में मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि हो चुकी है. 12 जुलाई तक इन 63 देशों में मंकीपॉक्स के 9,200 मामले सामने आए हैं. तेजी से बढ़ रहे मामले के कारण दुनिया परेशान है. विश्व स्वास्थ्य संगठन जल्द ही इसे लेकर एक इमरजेंसी मीटिंग करने वाली है जिसमें यह तय किया जाएगा कि मंकीपॉक्स को वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया जाए या नहीं. हालांकि पिछले महीने डब्ल्यूएचओ ने इसे हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने से मना कर दिया था लेकिन जिस तेजी से मामले बढ़ते जा रहे हैं, उसमें डब्ल्यूएचओ को फिर से सोचने के लिए मजबूर कर दिया है.
मंकीपॉक्स के क्या हैं लक्षण
मंकीपॉक्स के लक्षण 6 से 13 दिनों में दिखने लगते हैं. इसमें रोगी को बुखार, तेज सिरदर्द, पीठ और मांसपेशियों में दर्द के साथ गंभीर कमजोरी महसूस हो सकती है. सबसे पहले जो नजर आती है वह है हाथ और पैर में बड़े-बड़े दाने निकलना. गंभीर संक्रमण होने पर ये दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं.
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