सकट चौथ हर साल माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन आती है. इस दिन महिलाएं भगवान गणेश (Lord Ganesha) का व्रत करती हैं. इस व्रत को सकट चौथ (Sakat Chauth) के अलावा संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट, माघ चतुर्थी के नामों से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा (Worship) कर चंद्रमा को अर्घ्य देकर महिलाएं व्रत का पारण करती हैं. यह व्रत महिलाओं द्वारा विशेष तौर पर अपनी संतान की लंबी उम्र और उन्नति के लिए रखा जाता है. कहा जाता है कि यह व्रत करने से भगवान गणेश संतान के सारे कष्ट हर लेते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस व्रत में व्रती को पूजा करते समय कुछ बातों को ध्यान रखना चाहिए. जिससे उनका व्रत फलीभूत हो और उन्हें शुभाशीष प्राप्त हो. आइए जानते हैं उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
काले रंग के कपड़े न पहनें
काले रंग के कपड़ों को पूजा पाठ या किसी शुभ कार्य में वर्जित माना गया है. सकट चौथ के दिन या इस व्रत की पूजा के दौरान महिलाएं काले रंग के वस्त्र धारण करने से बचें. इस व्रत में या सकट चौथ के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना अति उत्तम माना गया है.
अर्घ्य देते समय ध्यान रखें
सकट चौथ में भगवान गणेश की पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधान भी है. पूजा के बाद महिलाओं को अर्घ्य देते समय ध्यान रखना चाहिए कि जल के छींटे उनके शरीर या पैरों पर न पड़ें. अर्घ्य सावधानी पूर्वक आराम से धीरे-धीरे कर देना चाहिए.
चांद को बिना अर्घ्य दिए व्रत ना खोलें
मान्यता है कि सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने से ही व्रत पूरा होता है. इस व्रत में रात के समय चंद्रमा निकलने के बाद उनकी भी पूजा की जाती है और उनको अर्घ्य दिया जाता है. साथ ही कहा जाता है कि चंद्रमा को बिना अर्घ्य दिए भूलकर भी व्रत का पारण नहीं करना चाहिए.
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तुलसी का उपयोग पूजा में नहीं करें
सकट चौथ पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उन्हीं के लिए व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की ही तरह भगवान गणेश को भूलकर भी तुलसी नहीं चढ़ाएं. भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए दुर्वा अर्पित करें.
