नई दिल्ली : पहले से ही कीमतों में वृद्धि से जूझ रहे उपभोक्ताओं को अब अपने घरेलू बजट में दवा की ऊंची कीमतों को भी ध्यान में रखना होगा। दरअसल कल से यानी 1 अप्रैल से कई आवश्यक दवाओं की कीमतें बढ़ने जा रही हैं।आवश्यक दवाएं जैसे, दर्द निवारक, एंटी-इनफेक्टिव, कार्डियक और एंटीबायोटिक्स आदि 1 अप्रैल से महंगी हो जाएंगी क्योंकि सरकार ने दवा कंपनियों को वार्षिक थोक मूल्य सूचकांक में बदलाव के अनुरूप वृद्धि की अनुमति दे दी है। नेशनल फार्मा प्राइसिंग अथॉरिटी ने 800 से अधिक जरूरी दवाओं की कीमतों में करीब 11 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया।
किन दवाओं की कीमत बढ़ेगी?
जिन दवाओं के दाम बढाए गए हैं, उन्हें आवश्यक दवाइयों की श्रेणी में गिना जाता है और ये नेशनल एसेंशियल लिस्ट ऑफ मेडिसिन में आती हैं। ये दवाएं हैं-
एंटीबायोटिक्स, सर्दी-खांसी की दवाएं, एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, कान-नाक और गले की दवाएं, एंटीसेप्टिक्स, पेन किलर, गैस की दवाएं और एंटीफंगल दवाएं। करीब 800 से ज्यादा दवाएं हैं दो महंगी होंगी। इन दवाओं के दाम अब 1 अप्रैल से 10.76 फीसदी तक बढ़ जाएंगे।
बुखार के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली पैरासिटामोल भी महंगी होगी। पैरासिटामोल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज में इस्तेमाल होने वाले एजिथ्रोमाइसिन जैसे एंटीबायोटिक्स, फोलिक एसिड जैसे एंटी एनेमिक प्रिसप्रिक्पशन, विटामिन और मिनरल्स भी शामिल हैं जिनके दाम बढ़ेंगे।
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दवाओं की कीमतों के बढ़ने के पीछे थोक महंगाई को मुख्य वजह बताया जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, थोक महंगाई पर आधारित होलसेल प्राइस इंडेक्स में 2021 में एक साल पहले की तुलना में 10.76 फीसदी का बदलाव आया है।आवश्यक दवाएं जैसे, दर्द निवारक, एंटी-इनफेक्टिव, कार्डियक और एंटीबायोटिक्स आदि 1 अप्रैल से महंगी हो जाएंगी क्योंकि सरकार ने दवा कंपनियों को वार्षिक थोक मूल्य सूचकांक में बदलाव के अनुरूप वृद्धि की अनुमति दे दी है। नेशनल फार्मा प्राइसिंग अथॉरिटी ने 800 से अधिक जरूरी दवाओं की कीमतों में करीब 11 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया