डिजिटल डेस्क : ‘क़स्बा फ़तेहपुर की हिन्दू मुस्लिम एकता के सूत्रधार स्व0 मौलाना सिराज अहमद क़मर,,मानवता की जीती जागती मिसाल जिनका सम्मान सभी धर्मों के मानने वाले दिल से करते थे, क्या बुजुर्ग क्या नौजवान सभी के लिए मोहब्बत उनके दिल मे और सभी के दिलों मे मोहब्बत उनके लिए ऐसी शख्सियत का नाम मौलाना सिराज अहमद क़मर था।
मौलाना सिराज अहमद क़मर की पैदाइश क़स्बा फ़तेहपुर मे 1937 ईस्वी को हुआ था। मौलाना की पूरी जिंदगी गरीब,कमजोर वर्ग की शिक्षा और तरक्की के लिए समर्पित रही।ज़िन्दगी की आखिरी सांस तक मानवता का संदेश देते रहे हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई हर वर्ग मे अपने व्यक्तित्व के लिए मशहूर थे। सेकुलरिज्म के बहुत मजबूत पिलर थे।
आज ही के दिन 16 सितम्बर 1992 को क़स्बा फ़तेहपुर से बाराबंकी जाते समय जीप के दोनों पहिये निकल जाने और गाड़ी के पेड़ से टकराने की वजह से मौलाना और उनके साथी की असमय मौत हो गई। यह मौलाना साहब की शख्सियत का ही कमाल था कि मौलाना को दुनियाँ फानी से गये हुए कई बरस गुजर गए लेकिन मौलाना के लिए लोगों के दिलों मे प्यार और इज़्ज़त आज भी बनी हुई है।
उनके बेटे इरशाद अहमद कमर ने बताया 1977 ईस्वी में इमरजेंसी के समय जब नसबंदी का दौर चल रहा था लोगों को जबरन घरों से पकड़ पकड़ कर नसबंदी की जा रही थी उस समय मौलाना ने पूरे जोश और जज्बे के साथ सरकार का सामना किया अपने करीबी साथियों के कहने पर मसौली विधानसभा एक बार और कैसरगंज लोकसभा से दो बार चुनाव लड़े बहुत ही कम वोटों से चुनाव जीतने से रह गए मौलाना वह शख्सियत थे कि समाज के हर तबके के लोगों से बहुत ही अच्छी जान पहचान की मौलाना अली मियां मौलाना अब्दुल्लाह बुखारी सैयद शहाबुद्दीन सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी पूर्व मंत्री सांसद मोहम्मद आजम खान बाबरी एक्शन कमेटी के एडवोकेट जफरयाब जिलानी समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव व केंद्र के पूर्व मंत्री स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा अनंतराम जयसवाल पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर वह हिंदुस्तान की बहुत अहम शख्सियत से बहुत ही करीबी रिश्ते थे मौलाना ने अपनी जिंदगी में मुंबई के दहिसर इलाके में मस्जिद और मदरसा कायम किया था जो आज भी मौजूद है और चल रहा है इसके बाद रसौली मदरसा के सदर होने के साथ-साथ आजाद इंटर कॉलेज फतेहपुर मैं प्रबंधक के रूप में ईमानदारी से कार्य किया इसके अलावा फतेहपुर जामा मस्जिद के पेश इमाम भी रहे और खास बात यह है कि जब तक मौलाना हयात रहे तब तक फतेहपुर में सिर्फ एक ही मस्जिद में जुमे की नमाज होती थी हजरत मौलाना सिराज अहमद कमर की ज़ाते ग्रामी आज हमारे दरमियान मौजूद नहीं है लेकिन उनका किरदार उनके नज़रियात आज भी हमारे लिए मसअले राह है
अगले साल गणतंत्र दिवस परेड की मेजबानी करेगा सेंट्रल विस्टा : हरदीप पुरी